Haryana Police: हरियाणा पुलिस ने मीडिया कर्मियों की सुरक्षा पर लिखा लेटर; किसानों के प्रदर्शन में ये काम न करने को कहा

हरियाणा पुलिस ने मीडिया कर्मियों की सुरक्षा पर लिखा लेटर; किसानों के प्रदर्शन में ये काम न करने को कहा, पंजाब DGP को भेजा

Haryana Police letter to Punjab DGP on safety media persons in Farmers Protest

Haryana Police letter to Punjab DGP on safety media persons in Farmers Protest

Haryana Police: अंबाला में हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर डटे किसान एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान कर चुके हैं। बीते शुक्रवार को किसानों का जत्था जब दिल्ली के लिए आगे बढ़ा तो इस बीच बॉर्डर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। टकराव की इस स्थिति में 6 से 7 किसान घायल भी हो गए। इसके बाद किसानों ने पीछे हटने का फैसला किया।

फिलहाल, इसी कड़ी में अब हरियाणा पुलिस ने मीडिया कर्मियों की सुरक्षा को लेकर लेटर जारी किया है। यह लेटर पंजाब डीजीपी को लिखा गया है। हरियाणा पुलिस ने मीडिया कर्मियों से अपील की है कि वह शंभू बॉर्डर अथवा किसी भी अन्य स्थान पर जहां क़ानून व्यवस्था सम्बंधित ड्यूटी चल रही हो वहां भीड़ के पास ना आएं। वह वहां से उचित दूरी बनाकर रखें। हरियाणा पुलिस ने डीजीपी पंजाब से अनुरोध किया है कि वे पंजाब की सीमा में पत्रकारों को बॉर्डर से कम से कम 1 किलोमीटर की दूरी पर रोके।

हरियाणा पुलिस ने पंजाब डीजीपी को लिखे अपने लेटर में लिखा, ''आपके संज्ञान में लाया जाता है कि 06.12.2024 को जब किसानों का जत्था हरियाणा सीमा की ओर बढ़ा, तो इस कार्यालय द्वारा संदर्भित पत्र के माध्यम से मीडिया कर्मियों को विरोध स्थल के पास न आने देने के अनुरोध के बावजूद कई मीडिया कर्मी भी उनके साथ थे। उपरोक्त के कारण, हरियाणा पुलिस को सीमा पर कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को संभालने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

अतः आपसे पुनः अनुरोध है कि मीडिया कर्मियों के साथ-साथ उनके उपकरणों की सुरक्षा के हित में मीडिया कर्मियों को सुरक्षित दूरी (न्यूनतम 1 किलोमीटर) पर रोकना सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधितों को निर्देश दें।

Haryana Police letter to Punjab DGP on safety media persons in Farmers Protest

 

अंबाला में इंटरनेट सर्विस सस्पेंड

वहीं किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा के गृह विभाग ने प्रशासन की सिफ़ारिश पर अंबाला जिले के कई हिस्सों में इंटरनेट सर्विस सस्पेंड कर दी है। अंबाला के अधिकार क्षेत्र में आने वाले डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बारी घेल, लहर्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू के क्षेत्र में आज से 9 दिसंबर तक इंटरनेट सर्विस सस्पेंड रहेगी।

गृह विभाग के आदेश के अनुसार, जिले में 7 जुलाई की शाम 5 बजे से 8 जुलाई रात 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट/डोंगल सेवा को सस्पेंड किया गया है। इसके साथ ही बल्क SMS (मोबाइल रिचार्ज मैसेज, बैंकिंग मैसेज को छोड़कर) पर भी रोक रहेगी। हालांकि, मोबाइल वॉयस कॉल चालू रखी गई है। हरियाणा सरकार के अनुसार, सार्वजनिक शांति और सौहार्द के बिगड़ने और तनाव की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाना जरुरी है।

गृह विभाग ने कहा कि, इंटरनेट सेवा और एसएमएस सेवा के दुरूपयोग के साथ कोई अफवाह और गलत जानकारी फैलाई जा सकती है। लोगों को भड़काया जा सकता है। जिससे सामाजिक नुकसान होने की संभावना बनती है। वहीं कानून-व्यवस्था बिगड़ने से सार्वजनिक और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जाता है. सरकार ने कहा कि, अगर उपरोक्त आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो दोषी पर संबंधित प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

शंभू बॉर्डर पर फरवरी से डटे पंजाब के किसान

फरवरी से पंजाब के प्रदर्शनकारी किसान बड़ी संख्या में अंबाला में हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। शंभू बॉर्डर के साथ-साथ जींद-खनौरी बार्डर पर भी किसान का प्रदर्शन चालू है। फरवरी में जब यहां से किसानों ने दिल्ली मार्च की कोशिश की तो इस बीच हरियाणा पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों के साथ किसानों का टकराव हुआ। टकराव की स्थिति में कई किसान घायल हुए थे। कुछ किसानों की जान भी गई। किसानों के साथ टकराव में सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए थे। वहीं किसानों के प्रदर्शन में ड्यूटी के दौरान कुछ सुरक्षाकर्मियों की भी जान गई थी।

बता दें कि, किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को लेकर हरियाणा के शंभू बॉर्डर को सील किया गया है। किसान किसी भी हालत में अपने ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली की ओर न बढ़ पाएं। इसके लिए दिल्ली-हरियाणा के बार्डर पर खड़े कीले बिछाए गए हैं। इसके साथ ही कंटेनर, कंटीले तारों, कंक्रीट-सीमेंटेड और लोहे के बैरीकेड्स से कई लेयर की बैरीकेडिंग की गई है। किसानों को रोकने के लिए मौके पर भारी पुलिस फोर्स के साथ-साथ पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की भी तैनाती है। जवानों के पास सुरक्षा उपकरणों के पूरे प्रबंध हैं। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।

क्यों दिल्ली जा रहे किसान?

किसानों की केंद्र सरकार से MSP गारंटी कानून समेत 10 से ज्यादा मुख्य मांगे हैं। जिन पर किसान केंद्र सरकार की मंजूरी चाहते हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसानों के बीच चंडीगढ़ में कई बार मीटिंग भी हो चुकी है। लेकिन हर बार मीटिंग बेनतीजा रही। मीटिंग में किसानों और केंद्र सरकार के बीच सहमति नहीं बनी। जिसके बाद किसानों ने 'दिल्ली चलो' मार्च बरकरार रखा।

किसानों की क्या मांगें हैं?

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने सहित किसानों की कई मांगें हैं. बता दें कि 2020-21 में दिल्ली में बड़ा किसान आंदोलन हुआ था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 3 कृषि कानूनों को वापस ले लिया था।

किसान बोले- सरकार हमारी मांगों पर गंभीर नहीं

केंद्र सरकार के साथ बातचीत न बन पाने पर किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार उनकी मांगों पर गंभीर नहीं है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने कल की बैठक में एक समाधान खोजने की कोशिश की ताकि हम सरकार से टकराव से बचें और हमें कुछ मिले। लेकिन कुछ नहीं हो रहा है। सरकार बस समय निकालना चाहती है।

पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में सरकार दरवाजे जा चाहते हैं। लेकिन हमें दिल्ली जाने से रोका जा रहा है। आंसू गैस के छोड़कर भारत सरकार हमपर जुल्म कर रही है। यह भारतीय इतिहास का काला दिन है कि किसानों के खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। हम अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे।